Tariff War B/w America & China : क्या चीन के आगे झुका अमेरिका..?

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Tariff War B/w America & China : लंबे समय से चले आ रहे अमेरिका-चाइना के मध्य टैरीफ युद्ध का आखिरकार समाधान हो ही गया। अमेरिका और चीन के बीच रविवार को जेनेवा में ट्रेड डील पर सहमति दोनों देशों ने टैरिफ में 115% की कटौती का ऐलान बना ली है।
दोनों देशों के मध्य जेनेवा में हुए समझौते के अनुसार अमेरिका, चीनी सामानों पर 30% टैरीफ लगाएगा। वहीं दूसरी ओर चीन, अमेरिकी वस्तुओं पर 10% टैरीफ लगाएगा।
चीन के साथ चल रहे ट्रेड युद्ध (Tariff War B/w America & China) के बीच दोनों देशों के मध्य जेनेवा में हुए इस समझौते को उनकी सरकार और समर्थकों के द्वारा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बडी जीत माना जा रहा है। इस बात की पुष्टि राष्ट्रपति ट्रम्प नें अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर ट्वीट करके भी की।

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Tariff War B/w America & China : यह घाटा कम करने की डील है, अमेरिका..

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अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह अमेरिका का घाटा काम करने की एक बेहतर डील है, जबकि चीनी अधिकारियों का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच अहम सहमति बनी है और नए सिरे से आर्थिक बातचीत की दिशा में आगे बढ़ेंगे। हालांकि, अमेरिका-चाइना टैरीफ वार(Tariff War B/w America & China) वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी लाभदायक है।
अप्रैल माह में ट्रम्प ने चीनी वस्तुओं पर 145% टैरीफ लगा दिया था और बदले में चीन ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर 125% टैरीफ लगा दिया था। इससे विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच सालाना लगभग 600 अरब डालर का व्यापार तकरीबन थम सा गया था।

Tariff War B/w America & China : ट्रम्प के टैरीफ पर विश्व की प्रतिक्रिया..

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ब्राजील: ब्राजील की संसद ने सर्वसम्मति से जवाबी टैरीफ लगाने का अधिकार प्राप्त करने के लिए एक पारस्परिकता विधेयक पारित किया। साथ ही टैरीफ के मुद्दे को विश्व व्यापार संगठन(WTO) में ले जाने की बात कही।
कनाडा: पीएम कार्नी ने कहा कि हम ट्रम्प प्रशासन के टैरीफ का जवाब देंगे।
ऑस्ट्रेलिया: ऑस्ट्रेलिया नें टैरीफ को ‘तर्कहीन’ कहा परंतु जवाबी टैरीफ से इनकार किया।
चीन: चीन के वाणिज्य मंत्रालय नें कहा कि अमेरिका का यह ‘एकतरफा और धमकाने वाला कदम’ है। इन्हें इसे तत्काल रद्द करना चाहिए नहीं तो चीन भी जवाबी टैरीफ लगेगा।
यूरोपीय संघ(EU): EU की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन नें कहा कि ट्रम्प का कदम वर्ल्ड ईकानमी के लिए बड़ा झटका है। इससे अनिश्चितता बढ़ेगी और ग्लोबलाइजेसोन का मकसद कमजोर होगा।

Tariff War B/w America & China : कैसे आए ट्रम्प बैकफुट पर ?

कई विद्वानों का इस पर अपना-अपना विश्लेषण है, जिसमें उनका मत है कि 2 अप्रैल को ट्रम्प ने करीब 100 देशों पर टैरीफ लगाने का ऐलान किया जिसका कुछ देशों ने तो विरोध किया, कुछ चुप-चाप सहते रहे और कुछ नें बदले की कार्यवाही कर अमेरिका पर टैरीफ लाद दिए, जिनमें से चीन एक है और अमेरिका-चाइना टैरीफ वार(Tariff War B/w America & China) प्रारंभ हो गया। इससे अमेरिका के ईकनामिक्स और बिजनस एक्स्पर्ट्स को मंदी का दर सताने लगा ट्रम्प पर टैरीफ वापस लीने का प्रेशर बढ़ने लगा। साथ ही विद्वानों ने कुछ बिन्दु सुझाए..

  1. अमेरिकी अर्थव्यवस्था को हानि।
  2. अमेरिका में विरोध।
  3. अमेरिकी व्यापारियों का दबाव।
  4. अमेरिका में महंगाई।
  5. अमेरिकी बंदरगाहों और हवाई अडडों पर चीन से आने वाले सामान में भारी कमी देखने को मिली

Tariff War B/w America & China : अमेरिका-चीन टैरीफ वॉर टाइमलाइन..

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2 अप्रैल से पहले था चीन पर 20% टैरीफ।
ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि अमेरिका के साथ चल रहे टैरिफ वॉर के बीच चीन ने कुछ दिन पहले कहा था वह अमेरिका के आगे ‘जबरदस्ती झुकने के बजाय आखिर तक लड़ना चुनेगा’ और दोनों देशों के बीच टैरीफ समझौते के बाद अमेरिका नें कहा कि चीन से मतभेद उतने बड़े नहीं थे, जितना सोच था |

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