Significance Of PM Modi 5 Countries Visit ? : हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी अपने अब तक के कार्यकाल में सबसे बड़ी विदेशी यात्रा पर जा रहे हैं। उनकी यह जुलाई 2025 माह में 8 दिवसीय यात्रा रहने वाली है जिसमें वह विभिन्न देशों जैसे घाना और अर्जेन्टीना सहित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे।
पीएम मोदी की इस वर्ष की सायप्रस, क्रोएशिया व g-7 समिट के बाद दूसरी रणनीतिक यात्रा होने वाली है क्योंकि इस बार कि यात्रा से चीन विशेष रूप से चिंतित है। आइए खबर के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक रूप से चर्चा करते है।
Significance Of PM Modi 5 Countries Visit ? : जाने पूरा मामला..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 जुलाई से 9 जुलाई तक पाँच देशों की महत्वपूर्ण यात्रा (Significance Of PM Modi 5 Countries Visit ?) पर हैं, जिसमें घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेन्टीना, ब्राजील और नामीबिया शामिल हैं। उनकी यह यात्रा, इनमें से कुछ देशों के लिए कई दशकों में अपनी तरह की पहली यात्रा है।
यह यात्रा ग्लोबल साउथ के साथ संबंधों को गहरा करने, आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने, जलवायु परिवर्तन और तकनीकी नवाचार में साझा चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारत की प्रतिबद्धतता को दर्शाता है। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी कई द्विपक्षीय बैठकें करेंगे और ब्राजील में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे।
सम्पूर्ण यात्रा विवरण-
- जुलाई 2 – 3 : घाना (Ghana)
- जुलाई 3 – 4 : त्रिनिदाद और टोबैगो (Trinidad & Tobago)
- जुलाई 4 – 5 : अर्जेन्टीना (Argentina)
- जुलाई 5 – 8 : 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन, ब्राजील (BRICS Summit, Brazil)
- जुलाई 8 – 9 : नामीबिया (Namibia)
Significance Of PM Modi 5 Countries Visit ? : क्या है ब्रांट लाइन (Brandt Line)..?

ग्लोबल उत्तर/दक्षिण विभाजन (ब्रांट लाइन)-
ब्रांट रेखा The Brandt Line (एक काल्पनिक रेखा) एक अवधारणा है जो विश्व को मुख्यतः उत्तरी गोलार्ध के अमीर देशों और अधिकांशतः दक्षिणी गोलार्ध के गरीब देशों में वर्गीकृत करती है, जो वैश्विक आर्थिक असमानताओं को उजागर करती है।
ब्रांट लाइन (Brandt Line) : यह रेखा 1980 के दशक में पूर्व जर्मन चांसलर विली ब्रांट द्वारा प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के आधार पर उत्तर-दक्षिण विभाजन के दृश्य चित्रण के रूप में प्रस्तावित की गई थी।
“ग्लोबल नॉर्थ” (धनी समुदाय) और “ग्लोबल साउथ” (गरीब समुदाय) राष्ट्रों के भीतर और उनके बीच मौजूद हैं। यह लाइन “उत्तर-दक्षिण: अस्तित्व के लिए एक कार्यक्रम” पर आधारित है, जो अंतरराष्ट्रीय असमानता की समस्याओं को संबोधित करने वाली एक रिपोर्ट है।
यह रेखा वैश्विक आर्थिक विभाजन का प्रतीक है, जो ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड को छोड़कर, अफ्रीका, मध्य पूर्व, भारत एवं चीन के कुछ हिस्सों को कवर करते हुए महाद्वीपों में टेढ़ी-मेढ़ी होती जा रही है।
Significance Of PM Modi 5 Countries Visit ? : चीन की चिंता के कारण…
अफ्रीका में चीन ने बड़े पैमाने पर पैसा लगाकर अपना प्रभाव बढ़ाया है। जिसमें वह वहाँ सड़कों, पुलों, बांधों और कई बड़े प्रोजेक्ट्स में अरबों डॉलर निवेश कर चुका है।
इससे अफ्रीकी देशों पर चीन की पकड़ मजबूत हो गई है। इस वजह से भारत भी पीछे नहीं रहना चाहता (Significance Of PM Modi 5 Countries Visit ?) और अपनी ग्लोबल साउथ नीति के तहत अफ्रीका में संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है।
और अपनी ग्लोबल साउथ नीति के तहत अफ्रीका में संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 3 दिसंबर, 2015 को घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महमा से मिल चुके हैं। जिसके बाद शी जिंपिंग ने उल्लेख किया कि चीन और घाना ने 55 वर्ष पहले कूटनीतिक संबंध स्थापित करने के बाद से सहयोग के सभी क्षेत्रों में फलदायी परिणाम प्राप्त किए हैं।
साथ ही उन्होंने कहा था कि चीन अधिक चीनी उद्यमों का घाना में निवेश और विकास करने के लिए समर्थन करता है और बिजली, दूरसंचार, बंदरगाहों और सड़कों सहित बुनियादी ढांचे के निर्माण और संचालन में सक्रिय रूप से भाग लेगा। नागर विमानन, खनिज संसाधनों, कृषि और मत्स्य पालन में द्विपक्षीय आदान-प्रदान का विस्तार करेगा, लोगों के बीच और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा ताकि द्विपक्षीय दोस्ती की नींव को मजबूत किया जा सके और सुरक्षा में सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके।
जिसके बाद घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने व्यक्त किया कि चीन हमेशा अफ्रीका को महत्व देता है। अफ्रीकी देशों के साथ एकता और सहयोग बनाए रखता है, और अंतरराष्ट्रीय मामलों में विकासशील देशों का सक्रिय समर्थन करता है। घाना चीन के लंबे समय के मदद और सहायता के लिए आभारी है और बुनियादी ढांचे के निर्माण और अन्य क्षेत्रों में चीन के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार है।
परिणामस्वरूप-
वर्ष 2018 में, घाना ने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) पर हस्ताक्षर करने के बाद चीन के निवेश ने एक नया मोड़ लिया। इस समझौते ने जहां एक ओर कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं और लाभों के लिए रास्ता तैयार किया है, जिससे देश के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला है। वहीं दूसरी ओर घाना पर वित्तीय ऋण भी बढ़ने लगा जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को चुनौती उत्पन्न होने लगी।
जिसके बाद चीन का घाना पर ऋण जाल-

वर्ष 2019 में खबर आई कि चीन का घाना के साथ 2 अरब डॉलर का समझौता कर्ज, प्रभाव और पर्यावरण को लेकर चिंताएँ पैदा करता है। जिसके प्रमुख बिन्दु इस प्रकार हैं-
- वर्ष 2018 में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित एक ज्ञापन के तहत, बीजिंग $2 बिलियन मूल्य के रेल, सड़क और पुल नेटवर्क के वित्तपोषण करेगा और इसके बदले चीन को घाना के बॉक्साइट भंडार (Ghana’s bauxite reserves) का 5% हिस्सा पहुँचाने की अनुमति दी जाएगी।
- इस समझौते पर पर्यावरण कार्यकर्ताओं, राजनीतिक विपक्ष और अंतरराष्ट्रीय सरकारी निवेश भागीदारों से आलोचना की गई है, जबकि जोखिम सलाहकार कंपनी EXX Africa की एक नई रिपोर्ट में पारदर्शिता की कमी और ऋण स्थिरता के लिए बढ़ते खतरे पर जोर दिया गया है।
जिसके बाद अन्तर्राष्ट्रिय स्तर पर यह चिंता उठने लगी कि घाना संभवतः अपने संसाधनों पर से नियंत्रण खो बैठेगा चीनी ऋण जाल के चलते।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने जानकारी दी है कि कैसे घाना के चार संपार्श्विक ऋण (collateralized loans) चीन से सरकार को भविष्य में ऊर्जा बिक्री खोने और इसके खनिज संसाधनों से होने वाली आय के एक हिस्से के जोखिम में डाल रहे हैं।
वर्ष 2000 से, घाना ने बड़े पैमाने पर परियोजनाओं के लिए वित्त का एक लगातार स्रोत के रूप में चीनी ऋणों पर भरोसा किया है। अक्रा (Accra) ने दो दशकों के दौरान कम से कम 41 चीनी ऋणों से लगभग 5 अरब डॉलर जुटाए हैं।

वर्तमान में 30 बिलियन डॉलर से अधिक के बाहरी ऋण पोर्टफोलियो के साथ घाना वर्तमान में ऋण जाल में फंस गया है और कई वर्षों तक लगभग असीमित उधारी के कारण एक पीढ़ी में अपने सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
घाना के समाचार पत्रिका, जॉयन्यूज़ (JoyNews research) के अनुसार, पश्चिम अफ़्रीकी देश में कम से कम आठ चीनी संपार्श्विक ऋण (Collateralized Loans) हैं, जिनमें विभिन्न खनिज सुरक्षा के रूप में हैं। घाना ने चीन को 2022 के अंत तक 1.9 बिलियन डॉलर का उधार चुकाना है, जिसमें से 619 मिलियन डॉलर सुरक्षित ऋण (Secured Loans) के रूप में है।
क्या होता है संपार्श्विक ऋण (Collateralized Loans) ?
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, “आधारित ऋण या संपार्श्विक ऋण (Collateralized Loans) किसी भी अनुबंधित या गारंटी किए गए ऋण को कहते हैं जो ऋणदाता को किसी संपत्ति या राजस्व धारा पर अधिकार देता है, जिससे यदि उधारकर्ता अपने भुगतान के दायित्वों में चूक करता है, तो ऋणदाता अंततः ऋण की पुनर्प्राप्ति के लिए संपत्ति या राजस्व धारा पर निर्भर रह सकता है”।
Significance Of PM Modi 5 Countries Visit ? : चीन की ऋण जल नीति का प्रभाव…

चीन कई विकासशील देशों में हो रहे कई ऋण वार्ताओं में सबसे महत्वपूर्ण भागीदार लगता है। दुनिया में सबसे बड़ा द्विपक्षीय ऋणदाता होने के बावजूद, यह अपने ऋण देने वाले प्रथाओं और संकटग्रस्त ग्राहकों के साथ पुनः वार्ता करने के तरीके के मामले में रहस्यमयी बना हुआ है।
विश्व बैंक (World Bank) के अनुसार, पृथ्वी के सबसे गरीब देशों को 2022 में सार्वजनिक और निजी ऋणदाताओं को $35 बिलियन का ऋण सेवा शुल्क देना होगा, जिसमें से 40% केवल चीन द्वारा चुकाया जाएगा।
Significance Of PM Modi 5 Countries Visit ? : पीएम मोदी की यात्रा विवरण…

घाना की यात्रा-
दोनों देशों ने 4 MoU पर साइन किए –
- पहला समझौता- विदेश मंत्रालय लेवल पर जॉइट कमीशन बैठक की स्थापना करना।
- दूसरा समझौता- पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में दोनों देश एक्स्पर्ट्स की ट्रेनिग और एक्सपीरियंस शेयर करेंगे।
- तीसरा समझौता- कल्चरल एक्टिविटी से जुड़ा है, जिससे सास्कृतिक कार्यक्रमों और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- चौथा समझौता- स्टैंडर्ड सेटिंग (प्रोडक्ट और सर्विस के लिए गुणवत्ता नियम तय करना) करना, जिससे आवश्यक सहयोग बढेगा।
त्रिनिदाद और टोबैगो (Trinidad & Tobago) की यात्रा-
त्रिनिदाद और टोबैगो के साथ भारत ने 6 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। ये समझौते निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देंगे:
- औषधि मानकों में सहयोग
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान
- त्वरित विकास परियोजनाएं
- राजनयिक प्रशिक्षण
- खेलों का प्रचार-प्रसार
- आधिकारिक दस्तावेज़ों और शोध साझा करना
अर्जेन्टीना की यात्रा-
भारत और अर्जेन्टीना के बीच लिथीअम आयन और रक्षा को लेकर महत्वपूर्ण समझौते हुए।
ब्राजील की यात्रा-
भारत का पक्ष था कि “समावेशी एवं बहुध्रुवीय विश्व के दृष्टिकोण में अधिक मजबूत एवं एकजुटता”।
पीएम मोदी अपने दौरे के अंतिम चरण जुलाई 8 से 9 में नामीबिया जाएंगे। जिसके बाद वह भारत के लिए रवाना होंगे।
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