Operation Rising Lion Vs Operation TruePromise3 : हाल ही में उत्पन्न हुए “ऑपरेशन राइजिंग लायन” बनाम “ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3” युद्ध के मध्य पाकिस्तान की एंट्री जितनी तेजी के साथ हुईं, उतनी ही शीघ्रता के साथ से युद्ध से दुम दबा कर पाकिस्तान भाग भी गया है।
दरअसल शुक्रवार को पाकिस्तान के पीएम शहबाज़ शरीफ ने इजरायल के हमले की निंदा करते हुए इसे ईरान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन बताया। जिसके बाद पाकिस्तान की तरफ से दबे स्वर ईरान को अपने परमाणु हथियार देने तक की बात कह दी गई।
लेकिन इस्लामिक देशों का मसीह बनने निकला पाकिस्तान अब अपने ही बयान से पलटते हुए कहता है कि वह ईरान को कोई परमाणु हथियार देने की बात नहीं कर रहा यह सब फेक न्यूज के चलते हुआ है। परमाणु हथियार पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए है न कि किसी को देने के लिए। हालांकि, पाकिस्तान के इस कदम से अब पूरे विश्व में उसका मजाक बन रहा है।
Operation Rising Lion Vs Operation TruePromise3 : क्या है पूरा मामला?

तुर्किए टुडे की रिपोर्ट्स के अनुसार IRGC के पूर्व कमांडर और ईरानी नेशनल सिक्युरिटी काउन्सिल के सदस्य मोहसिन रेजाई ने कहा, “पाकिस्तान ने हमसे कहा है कि अगर इजरायल परमाणु मिसाइलों का इस्तेमाल ईरान की जमीन पर करता है तो हम भी उस पर परमाणु हथियारों से हमला करेंगे। इजरायल को कुछ भी करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है”।
दरअसल रेजाई का यह बयान इसके बाद आया जब इजरायल के साथ युद्ध में उलझे ईरान को पाकिस्तान से समर्थन मिला, जिसमें पाकिस्तानी पीएम से लेकर वहाँ के विदेश मंत्री व रक्षा मंत्री तक सभी ने ईरान के पक्ष में बयानबाजी करनी प्रारंभ की।
इसमें पाकिस्तानी के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि मुस्लिम देशों को इजरायल के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए एक पहल शुरू करनी चाहिए और इजरायल के खिलाफ मुस्लिम वर्ल्ड की एकता का आह्वान करते हुए ईरान के साथ खड़े रहने का वादा किया।
उन्होंने आगे कहा कि “मुस्लिम देशों को बिना देर किए इजरायल के खिलाफ एकजुट होना होगा। इजरायल ने ईरान, यमन और फिलिस्तीन को निशाना बनाया है। अगर मुस्लिम राष्ट्र एकजुट नहीं होते हैं तो दूसरे देशों को भी इजरायल की आक्रामकता का सामना करना पड़ेगा।“ साथ ही ख्वाजा आसिफ ने सभी मुस्लिम देशों से इजरायल के साथ अपने राजनयिक संबंध तोड़ने का आग्रह किया।
इसके बाद कई शीर्ष ईरानी नेतृत्व ने सोशल मीडिया व अन्य न्यूज चैनल्स के माध्यम से यह दावा किया कि पाकिस्तान, ईरान की इजरायल के खिलाफ परमाणु सहायता करने को तैयार है।

इसके बाद जब इस खबर ने तूल पकड़ना शुरू किया तो पाकिस्तान के हाथ-पैर फूल गए और इस कॉलेटरल डैमेज से बचने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने ईरान के उस दावे को सोमवार देर रात खारिज कर दिया है जिसमें पाकिस्तान ने कहा था कि यदि इजरायल, ईरान के खिलाफ परमाणु हथियारों का उपयोग करता है तो, इजरायल के खिलाफ वह अपने परमाणु हथियारों का उपयोग करेगा और कहा कि “हमारा बम सिर्फ हमारे लिए है। ईरान का परमाणु बम को लेकर दावा पूरी तरह से गलत है। पाकिस्तान का परमाणु बम पूरी तरह से उसका है”।
साथ ही इशाक डार ने संसद में कहा कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल कि ईरान के IRGC के पूर्व कमांडर और ईरानी नेशनल सिक्युरिटी काउन्सिल के सदस्य मोहसिन रेजाई के बयान को झूठा बताते हुए इसे AI द्वारा बनाया गया बताया।
हालांकि, इस सब घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान की विश्व मंच पर फजीहत हो रही है।
Operation Rising Lion Vs Operation TruePromise3 : क्या है वर्तमान स्थिति ?

आज इजरायल-ईरान युद्ध को पाँच दिन पूरे हो चुके हैं ऐसे में दोनों देशों के मध्य गहराये (Operation Rising Lion Vs Operation TruePromise3) युद्ध संकट के चलते दोनों ही देशों को भारी जान-मान की क्षति हो रही है जिसका प्रभाव वैश्विक अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल रहा है।
इजराइल का कहना है कि ईरान के शीर्ष सैन्य नेताओं, परमाणु वैज्ञानिकों, यूरेनियम संवर्धन स्थलों और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर उसका व्यापक हमला उसके पुराने दुश्मन को परमाणु हथियार बनाने के और करीब आने से रोकने के लिए ज़रूरी है। शुक्रवार से अब तक हुए हमलों में कम से कम 224 लोग मारे गए हैं।
जिसमें ईरान के आर्मी चीफ मोहम्मद बाघेरी, सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और कुछ वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिकों समेत ईरान के सरकारी मीडिया ने पुष्टि की कि इजराइली हमले में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) की खुफिया संगठन के प्रमुख, मोहम्मद कज़ेमी, और दो अन्य जनरलों समेत आईआरजीसी कमांडर हुसैन सलामी की भी मौत हो चुकी है।

परंतु इजराइल की सेना ने मंगलवार (17 जून 2025) को यह भी दावा किया कि उसने ईरान के युद्धकालीन चीफ ऑफ स्टाफ अली शादमानी को मार गिराया है और कहा कि वह सबसे वरिष्ठ सैन्य कमांडर था। वहीं ईरानी मीडिया रेपोर्ट्स में इजराइली रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाने का दावा किया गया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज (Israel Katz) ने मंगलवार को आगाह किया कि “ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई का हश्र इराक के मारे गए तानाशाह सद्दाम हुसैन जैसा हो सकता है।“
जहाँ एक ओर इजरायल, ईरान के परमाणु ठिकानों और तेल रिफायनरियों को निशाना बना रहा है वहीं दूसरी ओर ईरान ने इजरायल के रिहायसी इलाकों और हैफा रिफाइनरी जैसे विभिन्न ठिकानों पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमले किए हैं।
हालांकि, अडानी ग्रप के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर जुगेशिंदर रॉबी सिंह ने शनिवार को कहा कि, अडानी के इस हाइफा पोर्ट पर हमले का कोई असर नहीं पड़ा और पोर्ट की सभी कार्गो ऑपरेशस सामान्य रूप से जारी हैं।
परंतु, कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार ईरानी हमले में पोर्ट के केमिकल टर्मिनल पर कुछ शार्पनेल (बिखरे टुकड़े) गिरे और पास की रिफाइनरी पर भी मिसाइलें आकर गिरी। यहाँ तक कि एक इंटरसेप्टर मिसाइल का टुकड़ा ‘किशन वेस्ट’ नामक सेक्शन में पाया गया, परंतु वहाँ भी सब कुछ सुरक्षित रहा।
इस समय पोर्ट पर लगभग आठ जहाज़ लोडिंग-अनलोडिंग कर रहे हैं और सभी गतिविधियां सामान्य हैं, यानी व्यापार और आपूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ा है।
Operation Rising Lion Vs Operation TruePromise3 : क्यों है भारत के लिए हाइफ़ा पोर्ट खास?

हाइफा पोर्ट, पूर्वी-भूमध्य सागर के सबसे बड़े कमर्शियल पॉर्ट्स में से एक है। यह इजरायल के तीन प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पॉर्ट्स अंशदोद पोर्ट, ईलात पोर्ट और हाइफ़ा पोर्ट में से एक है। हाइफा पोर्ट एक महत्वपूर्ण समुद्री केंद्र के रूप में कार्य करता है, जो इज़राइल के 30% से अधिक आयात को संभालता है।
इस हाइफ़ा पोर्ट पर भारतीय उद्धयोगपती गौतम अडानी की 70% हिस्सेदारी है, जिसे 2023 में इजराइल के गैडोट समूह के साथ साझेदारी में $1.2 बिलियन में खरीदा गया था। उत्तरी इजराइल में रणनीतिक रूप से स्थित, यह बंदरगाह अडानी पॉर्ट्स के वार्षिक कार्गो वॉल्यूम में लगभग 3% का योगदान देता है और इज़राइली आयात और निर्यात के लिए महत्वपूर्ण है।
Operation Rising Lion Vs Operation TruePromise3 : G-7 समिट में इजरायल-ईरान युद्ध पर प्रमुख बिन्दु…

कनाडा में आयोजित G-7 देशों के नेताओं ने एक संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए, जिसमें इजरायल और ईरान के बीच लड़ाई कम करने का आह्वान किया गया, तथा इस बात पर जोर दिया गया कि ईरान को परमाणु बम रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
G-7 नेताओं का इज़राइल और ईरान के बीच हाल के घटनाक्रम पर बयान-
- हम, G-7 के नेता, मध्य-पूर्व में शांति और स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।
- इस संदर्भ में, हम यह पुष्टि करते हैं कि इजराइल को अपनी आत्मरक्षा करने का अधिकार है। हम इजराइल की सुरक्षा के लिए अपने समर्थन को दोहराते हैं।
- हम नागरिकों की सुरक्षा के महत्व की भी पुष्टि करते हैं।
- ईरान क्षेत्रीय अस्थिरता और आतंक का मुख्य स्रोत है।
- हम हमेशा स्पष्ट रहे हैं कि ईरान के पास कभी भी न्यूक्लियर हथियार नहीं हो सकता।
- हम आग्रह करते हैं कि ईरानी संकट के समाधान से मध्य पूर्व में शत्रुता में व्यापक कमी आएगी, जिसमें गाजा में युद्ध विराम भी शामिल है।
- हम अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा बाजारों पर प्रभावों के लिए सतर्क रहेंगे और बाजार की स्थिरता की सुरक्षा के लिए समान विचारधारा वाले सहयोगियों के साथ समन्वय करने के लिए तैयार रहेंगे।
Operation Rising Lion Vs Operation TruePromise3 : क्या अमेरिका इजरायल-ईरान युद्ध में उतर चुका है?

अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि अभी तक नहीं की है लेकिन इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच, अमेरिका मध्य पूर्व में अपनी सैन्य उपस्थिति को मजबूत कर रहा है। रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने निमित्ज़ विमानवाहक पोत (The Nimitz Aircraft Carrier) सहित अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा के लिए तैनाती की घोषणा की। यह पुनर्निर्देशन तीव्र हवाई झड़पों के बाद हुआ है, जिसमें दोनों पक्षों के हताहत होने की सूचना है।
इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, G-7 समिट को बीच में ही छोड़ कर अमेरिका चले आए हैं और उन्होंने ईरान की राजधानी तेहरान में रहने वाले सभी लोगों को तत्काल तेहरान खाली करने की चेतावनी जारी की। साथ ही उन्होंने मंगलवार (भारतीय समय के अनुसार) को कहा कि ईरान का न्यूक्लियर डील साइन न करना मूर्खता है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एयर फोर्स वन (Air Force One) पर संवाददाताओं से कहा कि वह इजरायल और ईरान के साथ संघर्ष का “वास्तविक अंत” चाहते हैं, उन्होंने तर्क दिया कि यह युद्ध विराम से बेहतर है, साथ ही उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि बातचीत को पूरी तरह से छोड़ देना भी एक संभावना है।
हाल ही में उत्पन्न हुए “ऑपरेशन राइजिंग लायन” बनाम “ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3” (Operation Rising Lion Vs Operation TruePromise3) युद्ध के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भारी संकट उत्पन्न हो गया है। इजरायल के अटैक के बाद ईरान ने शनिवार सुबह इजरायल पर मिसाइलों की एक श्रंखला में हमला कर दिया, जिसके बाद दोनों देशों ने भारी गोला-बारी कर बड़े पैमाने पर जान-मान की एक-दूसरे को क्षति पहुंचाई।
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Operation Rising Lion On Iran of Israel : इजरायल का ईरान पर विध्वंसकारी हमला।