Kunar River Dam Project Of Afghanistan : भारत के बाद अब अफगानिस्तान ने भी पाकिस्तान की ओर जाने वाले कुनार नदी के प्रवाह को रोकने का निर्णय लिया है। हाल ही में तालिबान सरकार के आर्मी जनरल मुबीन ने कुनार नदी पर बन रहे डैम का निरीक्षण भी किया। बलूच नेता मीर यार बलूच ने सोमवार को जनरल मुबीन के दौरे का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर इस खबर की पुष्टि भी की।
तालिबान सरकार का दावा है कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से अफगानिस्तान में ऊर्जा संकट और खाद्य सुरक्षा दोनों में सुधार होगा।
Kunar River Dam Project Of Afghanistan : यह है अफगानिस्तान का प्लान..

जनरल मुबीन ने तालिबान सरकार से इस डैम के निर्माण के लिए धन जुटाने की अपील करते हुए कहा कि ‘यह पानी हमारा खून है और हम अपने खून को अपनी नसों से नहीं बहने दे सकते। हमें अपने पानी को रोकना होगा। इससे हमारी बिजली की जरूरतें पूरी होंगी और हम अपनी खेती में इस्तेमाल करके पैदावार बढ़ाएंगे।
वहीं तालिबान के जल और ऊर्जा मंत्रालय के प्रवक्ता मतीउल्लाह आबिद का कहना है कि इस डैम का सर्वे और डिजाइन तैयार हो चुका है, लेकिन इसे बनाने के लिए धन की जरूरत है।
तालिबान सरकार का दावा है कि यदि यह प्रोजेक्ट (Kunar River Dam Project Of Afghanistan) पूरा हो जाता है तो इससे 45 मेगावाट बिजली पैदा होगी और लगभग 1.5 लाख एकड़ खेती की भूमि को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। इससे अफगानिस्तान में ऊर्जा संकट और खाद्य सुरक्षा दोनों में सुधार होगा।
इस डैम निर्माण की योजना के एक अन्य भाग में यह उल्लेख है कि ‘मुख्य सड़कों पर टोल पॉइंट बना कर प्रत्येक भारी वाहन से 200 अफगानी और प्रत्येक तेज गति वाले वाहन से 50 अफगानी वसूले जाएंगे’।
Kunar River Dam Project Of Afghanistan : क्या है कुनार नदी का अस्तित्व..?

480 किलोमीटर लंबी कुनार नदी अफगानिस्तान के हिंदुकुश पर्वतों से निकलती है और पाकिस्तान में जलालाबाद के पास काबुल नदी में मिल जाती है। यह पाकिस्तान के अहम जलस्रोतों में से एक है।
यह काबुल नदी की सहायक नदी है, जो कि पूर्वी अफगानिस्तान और उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में लाइफलाइन के रूप में बहती है। यह नदी पूर्व में पाकिस्तान में प्रवेश होती है और इसका विलय अटाक(Attock) शहर के पास महान सिंधु नदी में हो जाता है।
Kunar River Dam Project Of Afghanistan : पाकिस्तान की चिंता..
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार ‘कुनार नदी पर डैम बनने से काबुल नदी के जल प्रवाह में 16-17% तक की कमी आ सकती है। जिससे पाकिस्तान की जल आपूर्ति और खेती पर बड़ा असर पड़ सकता है’।
पाकिस्तान पहले से ही भारत की तरफ से सिंधु जल संधि को स्थगित करने और चिनाब नदी पर डैम के स्लुइस गेट (पानी का गेट) बंद होने के चलते दबाव में है। ऐसे में कुनार नदी पर इस डैम का निर्माण क्षेत्रीय जल विवादों को बढ़ावा दे सकता है।
Kunar River Dam Project Of Afghanistan : डैम पर अफगानिस्तान में प्रतिक्रिया..
‘हसीना करोक्हैल चैरिटी फाउंडेशन’ की संस्थापक और नेता, डॉ. हसीना करोक्हैल का कहना है कि ‘वह कुनार नदी पर बांध के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है। वह बताती हैं कि कई अन्य महिलाएँ और कई महिला अधिकारों के सक्रियकर्ता भी कुनार नदी पर बांध के निर्माण कर बिजली उत्पन्न करने के लिए उत्सुक हैं और इस मामले में किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं।एकमीडियाप्रेस में उन्होंने यहाँ तक की कहा कि महिलाएं कुनार नदी पर बांध के निर्माण (Kunar River Dam Project Of Afghanistan) में धन जुटाने के लिए अपने गहने तक बेचने के लिए तैयार हैं।
इसी दौरान, कई अफगान विशेषज्ञों ने कुनार नदी पर बांध के निर्माण के संबंध में तालिबान सरकार के नेतृत्व के साथ अपनी योजनाएँ साझा की हैं। इसी दिशा में डॉ. मीरवाइज सरगंद कुचि कहते हैं कि ‘उन्होंने कुनार नदी के पानी को नियंत्रित करने और वहां एक बांध बनाने के लिए अर्थशास्त्र के उप मंत्री के समक्ष एक योजना पेश की है। यह योजना सुझाव देती है कि मंत्रालय को इस ऐतिहासिक परियोजना के लिए सार्वजनिक धन की मांग करनी चाहिए और फंडिंग मैकेनिज्म को सक्रिय करना चाहिए’। साथ ही इनका मानना है कि यदि ‘अफगान सभी अपने राष्ट्रीय संभावनाओं का उपयोग करते हैं, तो कुंर नदी को नियंत्रित करने का काम और कूश-तेपा के समान एक बड़ा बांध बनाने का काम तीन महीनों के भीतर शुरू हो सकता है’।
हालांकि यह दोनों देशों (अफगानिस्तान-पाकिस्तान) के संबंधों में तकरार पैदा करेगा परंतु यह प्रोजेक्ट(Kunar River Dam Project Of Afghanistan) अफगानिस्तान के लिए आर्थिक दृष्टि से भविष्य के लिए लाभदायक साबित हो सकता है।
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