After Independence First Caste Census in Bharat : स्वतंत्रता के पश्चात देश में पहली बार होगी जातिगत जनगणना।

In Bharat
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

स्वतंत्रता के पश्चात देश में पहली बार होने जा रही जातिगत जनगणना।

केंद्र सरकार ने बुधवार (30 अप्रैल 2025) को जनगणना कराने से जुड़ा बड़ा ऐलान किया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि मोदी सरकार अगली जनगणना के साथ जातीय आधार पर लोगों की गणना भी कराएगी । इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने विपक्षी दलों को घेरा और कहा कि कांग्रेस ने मात्र राजनीति के लिए जातीय मुद्दों को उठाया है। उन्होंने दावा किया कि जातीय जनगणना से सामाजिक ढांचे को कोई हानि नहीं होगी अपितु लोगों को विकास के नए अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि इसे मूल जनगणना के साथ ही कराया जाएगा।

क्या होती है जातिगत जनगणना ?

In Bharat
In Bharat
  • जातिगत जनगणना से तात्पर्य है कि Bharat में मौजूद प्रत्येक जाति के नागरिकों की अलग-अलग वर्गों में गिनती। इस प्रकार प्रत्येक 10 वर्ष में केंद्र सरकार पूरे देश में जनगणना कराती है उसमें जातियों के हिसाब से वर्गीकरण भी किया जाएगा।
  • भारत में स्वतंत्रता के पश्चात से ही जनगणना का कार्यक्रम हर दशक के अंत से प्रारंभ किया जाता है और दशक के प्रथम वर्ष में यह प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाती है। इसके पश्चात जनसंख्या से जुड़े आंकड़ों को सार्वजनिक किया जाता है। 1951 से लेकर 2011 तक भारत में लगातार जनगणना कि गई है।

जातिगत जनगणना के मायने: In Bharat

In Bharat
In Bharat

इस जनगणना के साथ ही Bharat में अनुसूचित जाति-जनजातियों का अलग रिकार्ड प्रकाशित हो पाएगा क्योंकि इसमें दलितों-आदिवासियों की संख्या रखी जाएगी। हालांकि, भारत में सभी जातियों को वर्गीकृत नहीं किया जाता, जिससे पिछड़े वर्ग से आने वालों कि जनसंख्या अलग से तय नहीं हो पाती।

देश में जातिगत जनगणना का इतिहास।

देश में जनगणना की शुरुआत 1881 में हुईं थी। प्रथम बार हुईं जनगणना में जातिगत जनगणना के आँकड़े जारी हुए थे। इसके पश्चात प्रत्येक 10 वर्ष पर जनगणना होती रही। 1931 तक की जनगणना में हर बार जातिवार आँकड़े भी जारी किए गए। 1941 की जनगणना में जातिवार आँकड़े जुटाए गए थे परंतु इन्हें जारी नहीं किया गया। स्वतंत्रता के पश्चात प्रत्येक जनगणना में सरकार ने मात्र अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के ही जाति आधारित आँकड़े जारी किए। अन्य जातियों के जातिवार आँकड़े 1931 के पश्चात कभी जारी नहीं किए गए।

इसे भी पढ़े

Canada Election Result 2025: यहाँ से देखिए सम्पूर्ण जानकारी