Operation Rising Lion On Iran of Israel : इजराइल ने शुक्रवार को ईरान की राजधानी तेहरान पर हवाई हमले शुरू किए, जिसमें ईरान की परमाणु अवसंरचना को टारगेट किया गया। जो दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहे तनावों के चलते मध्य-एशिया में अस्थिरता को चरम पर ले जा सकता है।
रिपोर्ट्स के अनुसार इस भीषण हवाई हमले में इजरायल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम (NUCLEAR PROGRAM) को निशाना बनाया जिसमें लगभग 80 लोगों के मरने और 300 के करीब लोगों के घायल होने की आशंका है। साथ ही ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारी मोहम्मद हुसैन बघेरी, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स के कमांडर इन चीफ होसैन सलामी भी मारे गए हैं।
Operation Rising Lion On Iran of Israel : जानें पूरा मामला…

स्थानीय समय के अनुसार शुक्रवार (13 जून, 2025) को इजरायल ने पश्चिमी ईरान में ईरानी वायु रक्षा प्रणालियों को नाकाम करते हुए एक विध्वंसकारी हवाई हमले (Operation Rising Lion On Iran of Israel) को अंजाम दिया। रिपोर्ट के अनुसार इजरायल के टारगेट पर ईरान के केर्मनशाह (Kermanshah), हमदन (Hamadan) और पश्चिमी तेहरान के आसपास के सैन्य प्रतिष्ठान शामिल थे, जहाँ ईरान अपने अधिकांश वायु रक्षा ढाँचे को बनाए रखता है।
इजरायल ने इस कार्यवाही का नाम “ऑपरेशन राइजिंग लायन” बताया। साथ ही इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस स्ट्राइक का उद्देश्य बताते हुए कहा कि-
- ईरानी रडार और मिसाइल प्रणालियों को निष्क्रिय करना जिससे अन्य गहन हमलों के लिए “हवाई कोरिडोर” की अनुमति मिल सके।
- ईरान की प्रारंभिक चेतावनी और रोधक क्षमताओं को कमजोर करना।
- ईरान के परमाणु संवर्धन सुविधाओं, मिसाइल ठिकानों, और कमांड केंद्रों पर भविष्य के अभियानों के लिए तैयारी इजरायल को करना।
क्योंकि इजरायल ने दावा किया है कि “ईरान का उद्देश्य उसके देश के अस्तित्व को खत्म करना है। इजरायल ने अपनी रक्षा के लिए यह कार्यवाही की है”।
इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने बताया कि समन्वित हमलों (Operation Rising Lion On Iran of Israel) ने ईरान के विभिन्न स्थानों को निशाना बनाया, जो 1980 के ईरान-इराक युद्ध के बाद से देश पर हुआ सबसे गंभीर हमला है। इजराइली सेना ने तेहरान के आसपास कम से कम 6 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। इन 6 में से 4 जगहों पर परमाणु ठिकाने भी मौजूद हैं।
ईरान के सरकारी मीडिया के अनुसार इजराइली हमले में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर इन चीफ होसैन सलामी की मौत हो गई है। साथ ही अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हमले में ईरान के दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मोहम्मद मेहदी तेहराची और फरदून अब्बासी भी मारे गए हैं।

वहीं इजराइल ने यह दावा किया है कि हमले में ईरान के आर्मी चीफ मोहम्मद बाघेरी, सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और कुछ वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक भी मारे गए हैं।
हालांकि, इजरायल ने तेहरान द्वारा मिसाइल और ड्रोन हमले की आशंका के चलते आपातकाल की स्थिति भी घोषित कर दी है। साथ ही इजरायल ने अपने दुश्मनों को कड़ी चेतावनी भी दी है। उन्होंने कहा, “हम सभी सीमाओं पर तैयार हैं। मैं चेतावनी देता हुँ कि जो कोई भी हमें चुनौती देने की कोशिश भी करेगा, उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।”
वहीं, इस कार्यवाही के बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू कहा कि जब तक इजरायल अपना मिशन पूरा नहीं कर लेता तब तक कार्यवाही जारी रहेगी।
Operation Rising Lion On Iran of Israel : जानें क्यों किया इजरायल ने हमला…
इजरायल ने कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु बताए जिस कारण यह हमला किया गया-

- इज़राइल ने ईरानी परमाणु खतरे को समाप्त करने के लिए एक सैन्य अभियान शुरू किया – जो एक अस्तित्वगत खतरा है।
- हाल के वर्षों में, चरमपंथी ईरानी शासन इसराइल राज्य के विनाश के लिए समर्पित रहा है, न केवल एक विचार के रूप में, बल्कि एक बाध्यकारी निर्देशक के रूप में।
- शासन का नेतृत्व स्पष्ट रूप से, निरंतर, सार्वजनिक रूप से और स्पष्ट रूप से इसराइल राज्य के विनाश की मांग कर रहा है।
- ईरान दुनिया का आतंकवाद का मुख्य राज्य प्रायोजक है।
- वर्षों से, ईरानी शासन अपना घोषित दृष्टिकोण – इज़राइल को नष्ट करना – पूरा करने के लिए विशाल सैन्य निर्माण में निवेश कर रहा है।
- शासन एक व्यापक और गुप्त परमाणु हथियार कार्यक्रम को बढ़ावा दे रहा है, जबकि बुरी नीयत से बातचीत कर रहा है, दुनिया को धोखा दे रहा है और कूटनीतिक प्रयासों का लाभ उठा रहा है।
- IAEA की रिपोर्टें बिना किसी संदेह के साबित करती हैं कि ईरानी परमाणु कार्यक्रम का उद्देश्य शांतिपूर्ण नहीं है, बल्कि सैन्य उद्देश्यों के लिए है।
- ईरान तेजी से यूरेनियम समृद्ध कर रहा है। उसने वर्षों से उन्नत मिसाइलों जैसे कई संसाधनों को विकसित किया है और हथियारकरण के प्रयासों को लगातार आगे बढ़ा रहा है।
Operation Rising Lion On Iran of Israel : हमला अभी ही क्यों?
हमले को अभी अंजाम देने के पीछे इजरायल ने कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु बताए-

- ईरान परमाणु हथियार बनाने से केवल क्षणों की दूरी पर है।
- ईरान द्वारा उत्पन्न खतरा तात्कालिक है और इसराइल के पास इसे हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था इससे पहले कि देर हो जाए।
- ईरान ने उच्च समृद्ध यूरेनियम की बड़ी मात्रा जमा की है जो 9 से अधिक परमाणु बमों के लिए पर्याप्त है। जिनमें से एक-तिहाई को पिछले तीन महीनों में समृद्ध और जमा किया गया, जो उत्पादन मात्रा में एक तीव्र वृद्धि।
- यह दुर्भावनापूर्ण कार्य अमेरिका की वार्ताओं के साथ-साथ किया गया।
- हाल ही में, ईरान ने अपने परमाणु हथियार से संबंधित प्रयासों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। पिछले दो दशकों में इस तरह का तेजी से प्रयास नहीं देखा गया है।
Operation Rising Lion On Iran of Israel : इजरायल का यह मिलिट्री ऑपरेशन..
इस मिलिट्री ऑपरेशन के पीछे इजरायल डिफेंस फोर्स का कहना है कि-
- इसराइल को आत्मरक्षा का अधिकार है और उसने अंतिम उपाय के रूप में एक आत्मरक्षा अभियान शुरू किया है, सटीकता और शक्ति के साथ।
- यह अभियान सैन्य लक्ष्यों और परमाणु हथियार प्रयास के अतिरिक्त तत्वों पर केंद्रित है।
- इसराइल ईरानी लोगों को नहीं निशाना बना रहा है, बल्कि उन कट्टरपंथी बलों को निशाना बना रहा है जो इसकी सुरक्षा को खतरे में डालते हैं।
- इसराइल अनजाने नागरिकों को नुकसान कम करने के लिए हर संभव उपाय कर रहा है।
Operation Rising Lion On Iran of Israel : ईरान की प्रतिक्रिया…
ईरान ने घोषणा की कि इजराइल का हमला युद्ध की घोषणा के समान है और एयरस्ट्राइक के जवाब में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग की।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने इजरायल के खिलाफ चेतावनी जारी करते हुए घोषणा की कि ईरानी सशस्त्र बल “ताकत के साथ” कार्य करेंगे और “नीच ज़ायोनी शासन को अपने घुटनों पर लाएंगे” (“bring the vile Zionist regime to its knees”)।
Operation Rising Lion On Iran of Israel : वर्तमान स्थिति…
इजरायल रक्षा बलों (IDF) ने अपने ऑपरेशन (Operation Rising Lion On Iran of Israel) के “पहले चरण” के पूरे होने की पुष्टि की, जिसमें इजरायली वायुसेना के दर्जनों जेट्स ने ईरान के विभिन्न स्थानों पर निशाना साधा। रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के सेना के प्रमुख और वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिकों सहित कई उच्च-प्रोफाइल व्यक्तियों के साथ-साथ ईरानी स्टेट मीडिया ने तेहरान के आवासीय क्षेत्रों में हमलों में नागरिकों के हताहत होने की भी रिपोर्ट दी।

विभिन्न प्रमुख टारगेटों जैसे कि केरमानशाह, लोरेस्तान, और तेहरान में से एक नतांज़ परमाणु संयंत्र था, जहां शुक्रवार को ताजा विस्फोटों की सूचना मिली। जिसके चलते हमलों के बाद, ईरान ने देशव्यापी आपातकाल की घोषणा कर दी है। साथ ही आपातकालीन सेवाएं सक्रिय की गई हैं और इस घटना आगे बढ़ने की चिंताओं के चलते ईरानी सेना उच्च सतर्कता पर है।
हालांकि इसके जवाब में, ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक आपात बैठक का औपचारिक अनुरोध किया है ताकि उसके परमाणु सुविधाओं पर इजरायली हमलों और वरिष्ठ अधिकारियों की हत्या की निंदा की जा सके और तेहरान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तात्कालिक कार्रवाई करने का भी आग्रह किया है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेर्रस ने इस (Operation Rising Lion On Iran of Israel) स्थिति को “गंभीर और अस्थिर” बताया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपातकालीन सत्र बुलाये जाने की बात कही।
रूस और चीन ने इजरायल के इस एक्शन की निंदा की व ईरान की संप्रभुता (Sovereignty) का सम्मान करने की बात करते हुए तत्काल सीजफायर की मांग की।
Operation Rising Lion On Iran of Israel : क्या हो सकते हैं तत्कालिक प्रभाव?
इससे राजनीतिक, रणनीतिक और आर्थिक क्षेत्र पर न केवल मध्य-पूर्व में अपितु समूचे विश्व पर इसका (Operation Rising Lion On Iran of Israel) प्रभाव आने वाले समय में देखने को मिल सकता है। जिसके आसार इस रूप में देखे जा सकते हैं कि ब्रेंट कच्चे तेल (Brent crude) की कीमत 12 घंटों में 7% बढ़ गई और अब बाजारों को होर्मूज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) के बंद होने का डर है, जिससे 20% वैश्विक तेल प्रवाह होता है।
मध्य-पूर्व एक व्यापक संघर्ष की कगार पर है जहाँ एक ओर ईरान परमाणु हथियार बनाने से कुछ ही कदम दूर है वहीं दूसरी ओर इजरायल ने इसे ‘पूर्व-व्यापी हमले (pre-emptive strikes)’ के रूप में वर्णित करते हुए प्रमुख ईरानी सैन्य और परमाणु स्थलों पर हमला किया।
रिपोर्टों के अनुसार, इजराइल ने परमाणु स्थलों पर हमला करने के बाद ईरान पर हमलों की एक नई लहर शुरू की जिसके जवाब में, ईरानी सरकारी मीडिया ने बताया कि हमलों के बाद देश भर में एयर डिफेंस सिस्टम सक्रिय किए गए।
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