Axiom-4 Mission set for launch on June 10 : चार अंतरिक्ष यात्री 10 जून, 2025 को फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से एक्सिओम स्पेस (Axiom Space) के चौथे मानव अंतरिक्ष यान पर रवाना होंगे और लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद 11 जून को भारतीय समयानुसार रात्रि 10 बजे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचेंगे।
अन्तर्राष्ट्रिय स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए एक्सिओम-4 (The Ax4) कमर्शियल मिशन में मिशन पायलट शुभांशु शुक्ला के साथ मिशन कमांडर पैगी व्हिटसन और हंगरी से स्पेशलिस्ट टिबोर कापू और पोलैंड से स्लावोज़ उज्नान्स्की-विस्निएव्स्की भी साथ होंगे।
Axiom-4 Mission set for launch on June 10 : यह है पूरा मामला..
नासा (NASA) ने एक बयान में कहा, “चालक दल कंपनी के फाल्कन 9 रॉकेट (Falcon 9 Rocket) पर लॉन्च होने के बाद एक नए स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान (SpaceX Dragon Spacecraft) पर परिक्रमा प्रयोगशाला की यात्रा करेगा। अनुमानित डॉकिंग समय लगभग 12:30 बजे EDT (10:00 बजे IST), बुधवार, 11 जून 2025 है।”

इसरो (ISRO) के अध्यक्ष वी नारायणन ने पिछले सप्ताह अंतरिक्ष उड़ान की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए एक्सिओम स्पेस (Axiom Space) का दौरा किया था।
यात्रा की तैयारी के लिए अंतरिक्ष यात्री 25 मई, 2025 से ही क्वारंटीन में हैं परंतु साथ ही 10 जून, 2025 के प्रक्षेपण से पहले निरंतर प्रशिक्षण भी ले रहे हैं।
एक्सिओम स्पेस (Axiom Space) ने X पर एक पोस्ट में कहा, “एक्स4 (The #Ax4) चालक दल व्यापक आपातकालीन प्रशिक्षण से गुजर रहा है, जिसमें पानी के नीचे से बचकर निकलने के अभ्यास जैसे कई परिदृश्य शामिल हैं।”
इस सप्ताह के आरंभ में, चालक दल ने (Axiom-4 Mission set for launch on June 10) प्रक्षेपण से पूर्व प्रशिक्षण पर जानकारी देने के लिए एक प्रेस कान्फ्रन्स को संबोधित किया। जिसमें मिशन कमांडर व्हिटसन ने कहा की “हम प्रक्षेपण के लिए अच्छे हैं, हमने सभी प्रशिक्षण पूरे कर लिए हैं और टीम के साथ अच्छा तालमेल है”।
वहीं मिशन पायलट शुक्ला ने अंतरिक्ष उड़ान के लिए एक वर्ष तक चले प्रशिक्षण को “परिवर्तनकारी से कम नहीं (“nothing short of transformative”) बताया। उन्होंने आगे कहा कि “अब तक यह एक अद्भुत यात्रा रही है, लेकिन अभी भी सबसे अच्छा आना बाकी है। जब मैं अंतरिक्ष में जा रहा हूं, तो मैं न केवल यंत्र और उपकरण ले जा रहा हूं, बल्कि मैं एक अरब दिलों की आशाएं और सपने भी ले जा रहा हूं।”
Axiom-4 Mission set for launch on June 10 : क्या है Axiom-4 मिशन ?
Axiom-4 मिशन (AX-4) एक निजी अंतरिक्ष उड़ान है जिसे एक्सिओम स्पेस (Axiom Space) द्वारा आयोजित किया गया है। यह Axiom Space का चौथा मिशन है, इसके पूर्व मिशन (AX-1, AX-2 और AX-3) भी इसी प्रकार के थे।
इस मिशन (Axiom-4 Mission set for launch on June 10) को SpaceX के फाल्कन 9 रॉकेट (Falcon 9 Rocket) का उपयोग करके फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन के लिए अंतरिक्ष यान स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन होगा, जो अपनी उन्नत तकनीक और सुरक्षा सुविधाओं के लिए जाना जाता है।

यह मिशन नासा (NASA) के सहयोग से आयोजित किया गया है, जो प्राइवेट अंतरिक्ष कंपनियों और सरकारी अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच मजबूत साझेदारी को दर्शाता है, जिससे अंतरिक्ष अन्वेषण और अनुसंधान को आगे बढ़ाया जा सके।
मिशन उद्देश्य (Mission Objectives)-
वाणिज्यिक अंतरिक्ष प्रयास (Commercial Space Efforts):
- Axiom-4 का उद्देश्य अंतरिक्ष में वाणिज्यिक गतिविधियों ( commercial activities)को बढ़ावा देना है, जिसमें वैज्ञानिक अनुसंधान, तकनीकी विकास और अंतरिक्ष पर्यटन शामिल हैं।
- Axiom-4 मिशन यह दिखाने में मदद करेगा कि वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशन व्यवसाय (commercial space stations) और नवाचार (innovation) के लिए एक प्लेटफार्म के रूप में कैसे कार्य कर सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (International Collaboration):
- Axiom-4 मिशन विभिन्न देशों के अंतरिक्ष यात्रियों की विविध टीम को लेकर जाएगा, जो अंतरिक्ष अन्वेषण (space exploration) में बढ़ती अंतर्राष्ट्रीय रुचि को दर्शाता है।
- यह मिशन देशों के बीच साझेदारी को मजबूत करेगा और वैश्विक अंतरिक्ष पहलों में योगदान देगा।
अनुसंधान और विकास (Research and Development):
यह मिशन अंतरिक्ष की अनोखी सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (Microgravity) स्थिति में विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों और तकनीकी परीक्षणों का समर्थन करेगा।
मिशन की अवधि और गतिविधियाँ-
14 दिनों की अपेक्षित अवधि के साथ, चालक दल ISS पर प्रयोग, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और शैक्षिक आउटरीच का आयोजन करेगा।
Axiom-4 Mission set for launch on June 10 : क्या है अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) ?
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) एक बड़ी, स्थायी रूप से चालक दल वाली प्रयोगशाला है जो पृथ्वी की सतह से 400 किलोमीटर ऊपर परिक्रमा करती है।

यह 15 देशों और पाँच अंतरिक्ष एजेंसियों अर्थात् NASA (संयुक्त राज्य अमेरिका), रोस्कोस्मोस (रूस), ESA (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी), JAXA (जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी) तथा CSA (कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी) के बीच सहयोग है।
ISS पर संचालन: सात लोगों का एक अंतर्राष्ट्रीय दल 7.66 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से यात्रा करते हुए रहता है और काम करता है तथा लगभग हर 90 मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा करता है। 24 घंटों में, अंतरिक्ष स्टेशन पृथ्वी की 16 परिक्रमाएँ करता है और 16 सूर्योदय तथा सूर्यास्त से होकर गुज़रता है।
Axiom-4 Mission set for launch on June 10 : भारत के लिए क्यों है यह मिशन खास?
Axiom-4 मिशन, 1984 में रूस के सोयूज मिशन (Soyuz mission) के माध्यम से राकेश शर्मा की ऐतिहासिक अंतरिक्ष उड़ान के 41 वर्ष बाद अंतरिक्ष में भारत की वापसी का प्रतीक होगा।
Axiom-4 मिशन के मिशन पायलट शुक्ला के अनुभव का उपयोग 2027 के लिए नियोजित भारत के महत्वकांक्षी अंतरिक्ष मिशन, गगनयान मिशन (The Gaganyaan Mission) में बहुत अच्छी तरह से किया जा सकेगा। ISRO, Axiom-4 मिशन पर 550 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है।
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