Trump’s Visit to Saudi Arab: सऊदी अरब के दौरे पर पहुँचे ट्रम्प |

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क्राउन प्रिंस सलमान खुद एयरपोर्ट पर लेने पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति को

Trump’s Visit to Saudi Arab : दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद यह ट्रम्प की पहली औपचारिक विदेश यात्रा है और इसके कई राजनीतिक व रणनीतिक मामले हैं। ट्रम्प कल यानी 14 मई को खाड़ी नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और फिर कतर जाएंगे। 15 मई को ट्रम्प अपने दौरे के आखिरी दिन UAE पहुंचेंगे।

अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के बाद कनाडा-मेक्सिको या फिर यूरोपीय देशों की यात्रा करने की परंपरा है।

  • 1993 बिल क्लिंटन – कनाडा यात्रा
  • 2001 जॉर्ज बुश – मेक्सिको यात्रा
  • 2009 बराक ओबामा – कनाडा
  • 2017 डोनाल्ड ट्रम्प – सऊदी अरब
  • 2021 जो बाइडेन – ब्रिटेन

राष्ट्रपति ट्रम्प ने 2017 में पहली बार राष्ट्रपति बनने के बाद सबसे पहले सऊदी अरब पहुंच कर इस परंपरा को तोड़ा था। Trump’s Visit to Saudi Arab

दूसरी बार राष्ट्रपति बनने पर ट्रम्प और मोहम्मद-बिन-सलमान (MBS) के मध्य हुईं फोन पर चर्चा

Trump’s Visit to Saudi Arab:- दोनों के मध्य हुईं फोन पर चर्चा के बाद दोनों नेताओं ने मिडिल ईस्ट में स्थिरता लाने, क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और आतंकवाद से निपटने की कोशिशों पर चर्चा की थी।

चर्चा के बाद सऊदी सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि उनका देश अगले चार वर्षों के अंदर अमेरिका में 600 अरब डॉलर (50 लाख करोड़ रुपए) के निवेश के लिए तैयार है। जिसके बाद राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा था कि वो इसे बढ़ाकर 1 ट्रिलियन डॉलर होते देखना चाहते, जिसमें ज्यादा से ज्यादा अमेरिकी मिलिट्री इक्विपमेंट की खरीद भी शामिल है, जिससे सैन्य क्षमता में बढ़ोतरी होगी।

सऊदी अरब के सॉवरेन वेल्थ फंड (Sovereign Wealth Fund) और पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (The Public Investment Fund) में 925 अरब डॉलर की भारी भरकम रकम है। सऊदी ने इसके जरिए पहले से ही अमेरिका में कई इन्वेस्टमेंट कर रखे हैं। वहीं, UAE ने भी अगले 10 साल में अमेरिका के AI, सेमीकंडक्टर, एनर्जी और इन्फ्रासेक्टर में 1.4 ट्रिलियन डॉलर निवेश करने की इच्छा जताई है।

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अमेरिका के लिए सऊदी अरब क्यों है जरूरी ?

  • सऊदी अरब विश्व के तेल बंदर का 18% हिस्सा रखता है।
  • सऊदी अरब विश्व का चौथा सबसे बड़ा हथियारों का खरीददार देश है सिप्रि रिपोर्ट(SIPRI Report 2024)   
  • मुस्लिम देशों का अघोषित लीडर।
  • सऊदी की सबसे बड़ी ऑइल कंपनी अरमको, अमेरिका ने ही बनाई।
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क्या ट्रम्प, इजराइल-सऊदी अरब के बीच रिश्ता बेहतर करना चाहते हैं ?

ट्रम्प चाहते हैं कि सऊदी अरब, इजराइल को मान्यता दे और इसका प्रयास ट्रम्प ने पिछले कार्यकाल में भी किया। परंतु सऊदी अरब का कहना है कि पहले फिलिस्तीन अलग देश बने जिसकी राजधानी पूर्वी यरूशलम हो और उनके बीच सीमा 1967 से पहले जैसी हो।

दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रम्प ने उम्मीद जताई है कि सऊदी अरब अब्राहम एकॉर्ड (The Abraham Accords) को मानेगा। इस समझौते के तहत इजराइल-सऊदी अरब के बीच रिश्ते बेहतर होंगे और सऊदी अरब अमेरिका के साथ एक बड़ा रक्षा समझौता करेगा। ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल में इजराइल और कई इस्लामिक देशों के मध्य रिश्ते बेहतर कराए थे।

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