GST 2.0 Rate Cut Benefit Indians ? : कम जीएसटी दरें पहुंचाएंगी भारतीयों को भारी लाभ ??

GST 2.0 Rate Cut Benefit Indians ?
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GST 2.0 Rate Cut Benefit Indians ? : भारत की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली में पहले कई स्लैब थे – 5%, 12%, 18% और 28% (विलासितापूर्ण वस्तुओं पर अतिरिक्त उपकर के साथ) जिनमें अब भारत सरकार द्वारा परिवर्तन कर 5% और 18% के दो प्रमुख स्लैब बना दिए हैं जिसे भारतीयों के लिए भारी लाभ के रूप में दर्शाया जा रहा है।

जहां एक ओर भारत सरकार इसे जीएसटी 2.0 ‘जीएसटी बचत उत्सव’ बता कर देश का आर्थिक-आत्मनिर्भरता की ओर पहला महत्वपूर्ण कदम बता रही है वहीं दूसरी प्रश्न यह उठता है की क्या धरातल पर इन करों का लाभ सीधे जनता को मिल पाएगा क्योंकि दुकानदार पूर्व के लगे जीएसटी करों के अनुसार अपनी वस्तुओं को बेचेंगे जिससे पहले ही दिन् से जीएसटी 2.0 के लाभ मिलने की संभावनाएं कम हैं।

इस लेख में हम सरकार के इस महत्वपूर्ण फैसले का विश्लेषण व जनता एवं देश पर इसके प्रभावों की चर्चा करेंगे।

GST 2.0 Rate Cut Benefit Indians ? : जानें पूरी खबर…

GST 2.0 Rate Cut Benefit Indians ?
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बुधवार को हुई जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने को मंजूरी दी गई। परिषद ने दो स्तरीय कर ढांचे को मंजूरी देते हुए इसे नवरात्रि के पावन अवसर पर 22 सितंबर 2025 से लागू (GST 2.0 Rate Cut Benefit Indians ?) कर दिया।

अर्थात 22 सितंबर से घी, पनीर खरीदने से लेकर कार और AC खरीदना भी सस्ता हो गया है। सरकार ने 3 सितंबर को GST में कटौती का ऐलान किया था, जो 22 सितंबर लागू हो गई है। अब केवल दो स्लैब में GST लगेगा- 5% और 18%। सरकार ने टैक्स सिस्टम को आसान बनाने के लिए ऐसा किया है। जिसे ‘जीएसटी बचत उत्सव’ के रूप में केंद्र सरकार द्वारा दर्शाया जा रहा है।

इसके (GST 2.0 Rate Cut Benefit Indians ?) पीछे का कारण है कि नियमित प्रयोग की वस्तुओं पर 0% या 5% ही GST लगेगा और इलेक्ट्रानिक्स व ऑटोमोबाइल्स पर भी भारी छूट देखने को मिलेगी। साथ ही साथ होटल के कमरों की बुकिंग, ब्यूटी और सेहत से जुड़ी सर्विसेज़ पर GST 18% से कम करके 5% कर दिया गया है। वहीं 100 रुपए तक की सिनेमा टिकटों पर 5% टैक्स लगेगा, जो पहले 12% था। 100 रुपए से ज्यादा की टिकटों पर 18% GST लगेगा।

  • होटल के कमरों, जिनका किराया 1000 रुपए से कम है वो अब भी टैक्स फ्री रहेंगे।
  • ₹1000 से ₹7500 के होटल रूम पर GST 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
  • प्रीमियम होटल्स, जिनका किराया 7500 रुपए से ज्यादा है उनपर 18% GST लगेगा।
GST स्लैब              क्या बदलाव हुआ ?               उदाहरण
5%12% से कई आवश्यक वस्तुएँ यहाँ स्थानांतरित कर दी गईं।  Toothpaste, shampoo, namkeen, biscuits, bicycles, ghee, basic FMCG items.
18%12% और 28% से गैर-ज़रूरी सामान यहाँ स्थानांतरित किए गए।  TVs, ACs, cement, motorcycles (<350cc), mid-range cars, auto parts etc.  
40%sin & luxury की वस्तुओं के लिए नया स्लैब  Pan masala, gutkha, (eventual) tobacco, sugary/caffeinated beverages, luxury cars, yachts, imported premium items.
GST 2.0 Rate Cut Benefit Indians ?
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इसी अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने x पोस्ट पर लिखा कि “इस बार नवरात्रि का यह शुभ अवसर बहुत विशेष है। GST बचत उत्सव के साथ-साथ स्वदेशी के मंत्र को इस दौरान एक नई ऊर्जा मिलने वाली है। आइए, विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि के लिए सामूहिक प्रयासों में जुट जाएं”।

वहीं जीएसटी सुधारों के कार्यान्वयन पर, कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि “जीएसटी पहली बार जुलाई 2017 में लागू किया गया था। तभी राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने इसे गब्बर सिंह टैक्स कहा था। यह न तो अच्छा है और न ही सरल। हमें पता था कि यह नोटबंदी के बाद हमारी अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका होगा। उन्होंने 8 साल तक हम पर विश्वास नहीं किया और कोई बदलाव नहीं किया… जब ट्रम्प ने टैरिफ लगाए, तभी सरकार कर ढांचे में सुधार करने के लिए मजबूर हुई, और अब वे इसे एक उत्सव की तरह मना रहे हैं… जीएसटी लागू करने का प्रस्ताव पहली बार 2006 के बजट भाषण में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने दिया था। 2010 में, इसे संसद में एक अधिनियम के रूप में पेश किया गया था… ढाई साल तक, यह स्थायी समिति के पास रहा। जब इसकी रिपोर्ट पेश की गई, लगभग उसी समय, चुनावों की घोषणा हुई… 2006-2014 तक, केवल एक मुख्यमंत्री ने जीएसटी का विरोध किया, और वह मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री बन गया। 2014 में मंत्री बने और 2017 में यू-टर्न ले लिया और जीएसटी के मसीहा बनकर उभरे…”

हालांकि इसके जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि “#NextGenGST की शुरुआत को #GSTBachatUtsav के रूप में चिह्नित करते हुए प्रधानमंत्री @narendramodi जी के राष्ट्र के नाम संबोधन में कई संदेश थे। दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक सकारात्मक और दिशा-निर्देशक संबोधन के बावजूद, हमारी विपक्षी पार्टी @INCIndia और उसके सामाजिक-आर्थिक परिवेश ने नकारात्मकता और निराधार आलोचना फैलाई#NextGenGST एक जन-केंद्रित सुधार है। हमारे प्रधानमंत्री के संबोधन के संदेश इस प्रकार हैं:

  1. जीएसटी सुधार से गरीबों, मध्यम वर्ग, नए मध्यम वर्ग, युवाओं, किसानों, महिलाओं, दुकानदारों और उद्यमियों को लाभ होगा।
  2. नागरिक देवो भव: पर ज़ोर दिया जा रहा है।
  3. भारत को #आत्मनिर्भरभारत होना चाहिए।
  4. हमें स्वदेशी पर गर्व होना चाहिए – “गर्व से कहो, यह स्वदेशी है।”
  5. स्थानीय विनिर्माण का समर्थन करें।
  6. सहकारी संघवाद पर ज़ोर।
  7. राज्यों से विकास में समान भागीदार बनने का आह्वान।
  8. हम सभी को विकास को गति देने, व्यवसायों के लिए काम करना आसान बनाने और निवेश के लिए आकर्षक बनाने के लिए काम करना चाहिए।
  9. 2017 से सभी राज्यों को साथ लेकर चलने से ही इतना बड़ा कर सुधार संभव हो पाया है।

GST 2.0 Rate Cut Benefit Indians ? : GST बदलावों से ये समान होंगे महेंगे…

GST 2.0 Rate Cut Benefit Indians ?
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शौक और विलासिता की चीजों के लिए 40% का नया स्लैब बना दिया गया है। इनमें पान मसाला, तम्बाकू जैसे प्रोडक्ट शामिल हैं।इनके अलावा कुछ कार और बाइक्स भी 40% टैक्स के दायरे में आएंगी। हालांकि ये गाड़ियां महंगी नहीं होंगी। पहले इनपर 28% GST के साथ 17% तक सेस लगता था। यानी, कुल टैक्स 45% था, जो घटकर 40% हो गया है।

  • पेट्रोल गाड़ियां जो 1200 cc और 4 मीटर से ज्यादा लंबी हैं उन पर 40% टैक्स लगेगा।
  • डीजल गाड़ियां जो 1500 cc और 4 मीटर से ज्यादा लंबी हों उन पर भी 40% टैक्स लगेगा।
  • मोटरसाइकिल जो 350 cc से ज्यादा हों वो भी इस टैक्स के दायरे में आएंगी।

GST 2.0 Rate Cut Benefit Indians ? : विकास और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है?

2 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा सिर्फ़ एक हिसाब-किताब नहीं है। भारत के सकल घरेलू उत्पाद में खपत का योगदान लगभग 60% है, और घरेलू माँग में कमी पहले भी चिंता का विषय रही है। मध्यम वर्ग और गरीबों द्वारा सबसे ज़्यादा उपभोग की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं पर कर का बोझ कम करके, जीएसटी 2.0 को अर्थव्यवस्था में सीधे तरलता का इंजेक्शन लगाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

इस कदम के साथ राजकोषीय लागत भी जुड़ी है। केंद्र ने दरों में कटौती से 48,000 करोड़ रुपये के संभावित राजस्व नुकसान की बात स्वीकार की है। लेकिन सरकार का तर्क है कि मजबूत उपभोक्ता मांग और सरलीकृत कर व्यवस्था के तहत बेहतर अनुपालन इन नुकसानों की भरपाई कर देगा। व्यवसायों को भी दीर्घकालिक लाभ दिख रहा है: कम स्लैब और स्पष्ट वर्गीकरण का मतलब है मुकदमेबाजी और अनुपालन संबंधी परेशानियों में कमी, जिससे विकास के लिए संसाधन मुक्त होंगे।

विश्लेषक इस आशावाद का समर्थन करते हैं (Analysts back this optimism)-

CRISIL के अनुसार, जीएसटी में कटौती से शीर्ष 30 उपभोग वस्तुओं में से 11 को सीधा लाभ होगा, जो एक औसत परिवार के मासिक खर्च का लगभग एक तिहाई हिस्सा कवर करेगा। दूध उत्पादों और दवाओं जैसी आवश्यक वस्तुओं के साथ-साथ दोपहिया वाहन, टेलीविजन और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों जैसी विवेकाधीन खरीदारी पर अब कम कर लगेगा।

CRISIL का अनुमान है कि (GST 2.0 Rate Cut Benefit Indians ?) इन शीर्ष उपभोग वस्तुओं पर साधारण औसत जीएसटी दर लगभग 11% से घटकर 9% हो गई है, जो एक ऐसी कमी है जिससे धीरे-धीरे मांग बढ़नी चाहिए, खासकर मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए।

CRISIL को उम्मीद है कि क्षतिपूर्ति उपकर हटने के बाद एंट्री-लेवल कारों की कीमतों में 8-9%, मानक दोपहिया वाहनों की कीमतों में लगभग 7-8% और प्रीमियम SUVs की कीमतों में 6-7% तक की कटौती होगी। एजेंसी ने आगे कहा, “अगर उत्पादक इन लाभों को तुरंत आगे बढ़ाते हैं, तो इससे मुद्रास्फीति का दबाव कम होगा और खपत को एक स्थायी बढ़ावा मिलेगा।”

वैश्विक रेटिंग एजेंसी Moody’s ने भी इसी तरह की राय व्यक्त की और इस सुधार को गैर-वित्तीय कंपनियों के लिए “क्रेडिट पॉजिटिव” बताया। इसने इस बात पर ज़ोर दिया कि कम जीएसटी से एफएमसीजी, टिकाऊ वस्तुओं और सीमेंट की सामर्थ्य में वृद्धि होगी, जबकि स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर छूट से परिवारों की पहुँच में सुधार होगा और भारत के बीमा उद्योग के दीर्घकालिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

Moody’s ने यह भी कहा कि प्रभावी जीएसटी दरों में कमी से ऐसे समय में खपत में वृद्धि होगी जब उच्च अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों का निर्यात पर असर पड़ रहा है।

GST 2.0 Rate Cut Benefit Indians ? : GST की दरें कम करने से सरकार को होगा नुकसान..?

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वित्त मंत्री ने माना कि रोजमर्रा के सामान पर टैक्स कम करने से शुरुआत में राजस्व पर असर पड़ सकता है। SBI की रिसर्च के अनुसार सालाना 85,000 करोड रुपए का राजस्व नुकसान हो सकता है।

लेकिन सीतारमण का कहना है कि खपत बढ़ने से लंबे समय में इसकी भरपाई हो जाएगी। साथ ही, टैक्स चोरी रोकने और अनुपालन बढ़ाने से राजस्व में इजाफा होगा। 40% स्लैब पर लग्जरी और सिन गुड्स से भी अच्छी आय की उम्मीद है।

GST 2.0 Rate Cut Benefit Indians ? : अगर दुकानदार GST कटौती का फायदा न दे, तो क्या करें?

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अगर दुकानदार प्राइस कट का फायदा ग्राहकों को नहीं देता है तो इसकी शिकायत कर सकते हैं। दोषी दुकानदारों पर जुर्माना या जेल की सजा भी हो सकती है।

  • नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन 1800-11-4000 पर शिकायत कर सकते हैं।
  • CBIC की GST हेल्पलाइन 1800-1200-232 पर भी कॉल कर सकते हैं।
  • नेशनल एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉररटी की वेबसाइट पर शिकायत कर सकते हैं। वेबसाइट पर शिकायत में बिल की कॉपी, दुकानदार का नाम, पता देना होगा।

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