NATO Chief Issued Warning Regarding Taiwan : नाटो के महासचिव मार्क रुट्टे ने ताइवान को लेकर एक चेतावनी जारी करते हुए बताया कि चीन के द्वारा “विशाल” सैन्य निर्माण के चलते ताइवान के लिए संभावित आक्रमण का खतरा बढ़ाता है, जो संभवतः रूस को इस मामले में शामिल कर सकता है और यूरोपीय सुरक्षा पर प्रभाव डाल सकता है।
मार्क रुट्टे ने यह बयान द हेग में आयोजित नाटो समिट के दौरान दिया है जिसमें वह एशिया के विभिन्न देशों, ऑस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड के साथ-साथ यूरोपीय देशों को भी आने वाले संकट के लिए चेतावनी देते नजर आए।
NATO Chief Issued Warning Regarding Taiwan : जानें पूरा मामला…

दरअसल 24 जून से 26 जून, 2025 के बीच नाटो समिट नीदरलैन्ड के द हेग में सम्पन्न हुईं। इस शिखर सम्मेलन में नाटो सदस्य देशों, साझेदार राष्ट्रों और यूरोपीय संघ के राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के प्रमुख एकत्रित हुए जिससे गठबंधन पर प्रभाव डालने वाले प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जा सके।
इसी द हेग के नाटो शिखर सम्मेलन में महासचिव मार्क रुट्टे ने कहा कि “हमारे जापान और दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के साथ बहुत करीबी रिश्ते हैं, इसी वजह से नाटो देश, चीन में हो रहे विशाल सैन्य निर्माण को लेकर बहुत, बहुत चिंतित हैं”।
महासचिव रुट्टे (NATO Chief Issued Warning Regarding Taiwan) का दावा था कि अगर चीन, ताइवान पर हमले करता है, तो बीजिंग, रूस से यूरोप में परेशानी पैदा करने के लिए कह सकता है ताकि नाटो का ध्यान और संसाधनों को विभाजित किया जा सके। जिससे चीन के लिए ताइवान पर कब्जा करने का रास्ता साफ हो सके। यह विभिन्न कारणों में से एक कारण है इसलिए हमें तैयार रहना होगा, और हमें नासमझ नहीं होना चाहिए।
महासचिव रुट्टे ने आगे कहा कि हमें इस पर स्पष्ट होना चाहिए और यही कारण है कि अतिरिक्त रक्षा खर्च इतना महत्वपूर्ण है। इसी वजह से नाटो का कोई गठबंधन विकल्प नहीं है, साइड डील्स आदि नहीं हैं, क्योंकि हम सभी को योगदान देना होगा।
उन्होंने अपने प्री-समिट के संबोधन में यह भी बताया कि चीन की सैन्य क्षमताओं का तेज़ विस्तार उसके रक्षा कंपनियों के वैश्विक उभार से स्पष्ट देखा जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा “हमें पता है कि 10 सबसे बड़े रक्षा कंपनियों में से, केवल कुछ साल पहले, आप कोई चीनी कंपनियाँ नहीं पाएंगे। परंतु इस समय, आपको दुनिया की 10 सबसे बड़ी रक्षा कंपनियों में तीन से पांच चीनी रक्षा कंपनियाँ मिलेंगी। यह आपको दिखाता है कि यह विशाल निर्माण को दर्शा रहा है और इसका एक बड़ा प्रभाव भी है, जब चीनी रक्षा औद्योगिक उत्पादन की बात आती है”।
संभावित जोखिम की चेतावनी देते हुए, रुटे (NATO Chief Issued Warning Regarding Taiwan) ने नाटो सदस्यों से बिना किसी नासमझी के ‘तैयार रहने’ पर बल दिया। इसके अलावा, उन्होंने अतिरिक्त रक्षा खर्च के महत्व के बारे में संभावित खतरों पर भी टिप्पणी की। उनका यह बयान उस समय आया जब नाटो सदस्यों ने रविवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मांग के बाद अपने रक्षा खर्च के लक्ष्य को जीडीपी का 5 प्रतिशत करने के लिए एक बड़ा बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की।
Chief Issued Warning Regarding Taiwan : चीन के ताइवान पर 5 मिलिट्री अभ्यास…

2022 और मिड-2025 के बीच, चीन ने ताइवान के आसपास पाँच मुख्य PLA सैन्य अभ्यास किए हैं:
- 4-10 अगस्त, 2022 – नैंसी पेलोसी की यात्रा के बाद ताइवान के चारों ओर लाइव-फायर ड्रिल्स।
- 8-10 अप्रैल, 2023 – तीन दिन की “जॉइंटस्वॉर्ड” युद्ध-तैयारी पेट्रोल्स।
- 23-24 मई, 2024 – लाई चिंग-टे के उद्घाटन के बाद “जॉइंटस्वॉर्ड-2024A” दो दिवसीय ड्रिल्स।
- 14 अक्टूबर, 2024 – “जॉइंटस्वॉर्ड-2024B” 153 विमानों के साथ एक उच्च-तीव्रता वाली एक दिन की ड्रिल।
- 1-2 अप्रैल, 2025 – “स्ट्रेट थंडर-2025A” (जिसे “2025 ताइवान अभ्यास” भी कहा जाता है), एक प्रमुख दो दिवसीय पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) सैन्य अभ्यास।
इन पाँच बड़े पैमाने पर आयोजित अभ्यासों के अतिरिक्त, चीन ने इस क्षेत्र में निरंतर हाई-फ्रीक्वन्सी वाली सैन्य गतिविधियाँ बनाए रखी हैं। मई 2024 से ताइवान में 200 से अधिक मासिक एयर डिफेन्स आइडेन्टिफिकेशन ज़ोन (ADIZ) में घुसपैठ और नियमित नौसेना गश्ती और तटरक्षक संचालन चाइना द्वारा किए गए हैं।
NATO Chief Issued Warning Regarding Taiwan : चीन के कारण बढ़ता ईस्ट एशिया का रक्षा खर्च…

एक स्वीडिश थिंक टैंक की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी-एशियाई देशों में रक्षा खर्च बढ़ रहा है क्योंकि चीन की सैन्य तैयारी अपने पड़ोसियों के बीच चिंता उत्पन्न कर रही है।
स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान (SIPRI) की नवीनतम वर्षपुस्तिका के अनुसार, चीन ने 2023 से हर साल अपने परमाणु भंडार में 100 और युद्धास्त्र जोड़े हैं। इसके पास कम से कम 600 थे और जारी एक नवीन रिपोर्ट के अनुसार, यह संख्या “आने वाले दशक में बढ़ती रहने की उम्मीद” है।
रिपोर्ट में चीन को लेकर बताया गया कि चीन ने एशिया में सभी व्यय का आधा हिस्सा अदा किया और विश्व में दूसरा सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाला देश बना, जिसने अपने बजट में 7 प्रतिशत की वृद्धि की और इसे लगभग 314 अरब अमेरिकी डॉलर आंका गया। यह 2015 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी थी और लगातार तीन दशकों की वृद्धि को जारी रखा।
साथ ही रिपोर्ट में दावा किया गया “चीन … के पास दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता हुआ परमाणु शस्त्रागार है”।
एक स्वीडिश थिंक टैंक जो हथियारों के अनुसंधान के लिए समर्पित है ने कहा कि चीन के परमाणु हथियारों का भंडार “किसी अन्य देश” की तुलना में “तेज़ी से बढ़ रहा है” और इसकी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) शक्ति संभवतः इस दशक के अंत तक रूस या अमेरिका के बराबर हो सकती है। जो पूर्वी-एशिया की सैन्य क्षमता में अस्थिरता उत्पन्न कर सकती है।
NATO Chief Issued Warning Regarding Taiwan : ताइवान की प्रतिक्रिया…
उप राष्ट्रपति ह्सियाओ बि-खिम ने हाल की एक साक्षात्कार में कहा “ताइवान, चीन के साथ सैन्य संघर्ष से बचने के लिए रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और सार्वजनिक सहनशीलता को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है”।

ह्सियाओ ने अमेरिकी पॉडकास्टर शॉन रयान के साथ “शॉन रयान शो” में बातचीत के दौरान बताया कि “हमारे सभी कार्यों का उद्देश्य संघर्ष से बचना है, चाहे वह 2027 में, पहले या बाद में उत्पन्न हो”।
साथ ही ह्सियाओ ने हाल के वर्षों में विभिन्न अमेरिकी सैन्य और खुफिया अधिकारियों द्वारा आने वाले संकट के बारे में चेताने वाले संदर्भों का सहारा लिया, जिसमें संकेत दिया गया था कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को 2027 तक ताइवान के खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है।
चीन के चल रहे नौसैनिक विस्तार और वैश्विक रक्षा निर्माण क्षमताओं को देखते हुए, उप राष्ट्रपति ह्सियाओ ने बताया कि ताइवान “अपनी रक्षा में विषम रूप से निवेश करने” पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जिससे चीनी सैन्य रणनीतियों को विफल किया जा सके और आक्रामकता को रोकने में मदद मिल सके।
चीन लगातार ताइवान पर दावा करता आ रहा है और इस रुख को विश्व स्तर पर कूटनीतिक, सैन्य और आर्थिक साधनों के माध्यम से मजबूत कर रहा है। ह्सियाओ ने कहा कि ताइवान को विश्व के समक्ष यह विचार पेश करना चाहिए कि ताइवान जलडमरूमध्य (Taiwan Strait) में स्थिति को स्वस्थ व विवाद रहित बनाए रखना सभी वैश्विक हितधारकों, जिसमें चीन भी शामिल है, के हित में है।

उप राष्ट्रपति ह्सियाओ ने बताया कि ताइवान, चीन से सैन्य खतरों के अतिरिक्त विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहा है जैसे की ‘संज्ञानात्मक युद्ध, गलत सूचना और हमारे समाज को विभाजित करने के प्रयास’, जो हमारी घरेलू एकता और एकजुटता को कमजोर कर रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ‘ताइवान अपनी मजबूती बढ़ाने की दौड़ में हैं’। उन्होंने आगे कहा कि सरकार “समाज की संपूर्ण सहनशीलता (Whole-of-Society Resilience )” जैसे पहलुओं को लागू कर रही है, जो मुख्य रूप से नागरिकों को स्वयं की सुरक्षा करने के लिए कौशल प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं, जिससे सरकार की कुछ जिम्मेदारियों से राहत मिलती है।
NATO Chief Issued Warning Regarding Taiwan : क्या कहती है SIPRI की सैन्य क्षमता की रिपोर्ट..?
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि 2024 में कुल विश्व सैन्य व्यय 2.72 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो वर्ष 2023 से 9.4 प्रतिशत की वृद्धि है। यह लगातार 10वां वर्ष है जब व्यय में वृद्धि हुई है और यह कम से कम शीत युद्ध के अंत से अब तक का सबसे तेज साल-दर-साल का इजाफा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के शीर्ष पांच सैन्य खर्चकर्ता देश – संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, और भारत हैं जिन्होंने वैश्विक कुल सैन्य खर्च का 60 प्रतिशत हिस्सा लिया, जिनकी संयुक्त खर्च 1.64 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है।
NATO Chief Issued Warning Regarding Taiwan : क्या है अमेरिका की ररणनीति..?

अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार- संयुक्त राज्य अमेरिका, ताइवान को हथियारों की बिक्री को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पहले के कार्यकाल से भी आगे बढ़ाने की योजना बना रहा है, जिससे चीन को रोकने में मदद मिल सके, जो लोकतांत्रिक द्वीप पर सैन्य दबाव बढ़ा रहा है।
यदि अमेरिका के हथियारों की बिक्री ताइवान के लिए तेज हो जाती है, तो एक ओर यह ट्रम्प की ताइवान के प्रति प्रतिबद्धता की सीमा के बारे में चिंताओं को कम कर सकता है वहीं दूसरी ओर इससे अमेरिका-चीन संबंधों में नए तनाव की वृद्धि हो सकती है।
एक रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिकी अधिकारियों, जिन्होंने नाम न बताने की शर्त पर मीडिया को बताया कि उन्हें उम्मीद है कि अगले चार वर्षों में ताइपे को हथियारों की बिक्री के लिए अमेरिका की अनुमतियाँ ट्रम्प की पहली अवधि की अनुमतियों से अधिक होंगी।
एक अधिकारी ने कहा कि ताइवान के लिए हथियार बिक्री की सूचनाएँ “आसान तरीके से” उस पहले के समय को पार कर सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ताइवान की विपक्षी पार्टियों के सदस्यों पर दबाव बना रहा है कि वे सरकार के रक्षा खर्च को ताइवान की आर्थिक उत्पादन के 3% तक बढ़ाने के प्रयासों का विरोध न करें।
यू.एस. ने खेला ताइवान पर I.M.F. दांव-

यू.एस. प्रतिनिधि सभा (House of Representatives) ने ताइवान के अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में फिर से शामिल होने का समर्थन करने के लिए एक विधेयक 23 जून, 2025 को पारित किया। लेकिन इसे अभी भी सीनेट (Senate) की मंजूरी की आवश्यकता है।
कब हुआ ताइवान I.M.F. से बाहर ?- ताइवान को 1980 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से हटा दिया गया, और इसकी जगह पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PLA) ने ली। चीन गणराज्य (ROC), ताइवान का आधिकारिक नाम, IMF का संस्थापक सदस्य था।
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